बनाने की ट्रेनिंग देगा, जिससे आने वाले खरीफ सीजन में प्राकृतिक खेती के अंतर्गत 20 हजार एकड़ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस साल सरकार ने धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) का लक्ष्य 1 लाख एकड़ से बढ़ाकर 2 लाख एकड़ रखा है। साथ ही समर मूंग का लक्ष्य पहले 10 से 15 एकड़ था लेकिन इस बार 1 लाख एकड़ का लक्ष्य रहेगा। डॉ. मिश्रा ने बताया कि जैविक कार्बन बढ़ाकर मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ढैंचा को हरी खाद के रूप में उगाने का 6 लाख एकड़ का लक्ष्य है, जिसके लिए कृषि विभग 75 फीसदी अनुदान पर ढैंचा, बीज किसानों को उपलब्ध करवाएगा। वैज्ञानिकों से आह़वान किया कि वे बागवानी खेती को बढ़ावा देने और किसानों तक सरल और सहज तरीके से उन तक पहुंचाने के लिए कदम उठाने की बात कही। इसके अलावा हर किसान को सोइल हेल्थ कार्ड देने की योजना सरकार की तरफ से चलाई जा रही है।

कृषि महानिदेशक डॉ. नरहरि बांगड़ ने बताया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। किसान अपने खेती खर्च कम करके और अपने उत्पाद में वैल्यु एडिशन कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने देश के खाद्यान्न उत्पादन में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के महत्पवपूर्ण योगदान की प्रशंसा की।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने कार्यशाला की विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशालय द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न विस्तार गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई विभिन्न फसलों की नई किस्मों की जानकारी देते हुए मौजूदा समय में चल रहे अनुसंधान कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के अतिरिक्त कृषि निदेशक (सांख्यिकी) डॉ. आर.एस सोलंकी ने कृषि विभाग की ओर से खरीफ फसलों के लिए तैयार की गई विस्तृत रणनीति की जानकारी दी।
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