जब आसमां से ऊंचा हो हौसला तो ऊंचाइयों से डरने की क्या बात है, जब डर हटा दिया दिल की गहराइयों से, तो हजारों फुट ऊंचाई से पैराजंपिंग भी क्या खास बात है। शायद इन्हीं पंक्तियों को मन में लिये हुए हिसार निवासी आईपीएस व मेघालय के डीजीपी डा. एल.आर. बिश्नोई ने 5 हजार फीट की ऊंचाई से 5 बार सफलतापूर्वक पैराजंपिंग करके इतिहास रच दिया है। वो डीजीपी की रैंक पर रहते हुए ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति बन गये हैं। हिसार में सेक्टर 15 निवासी डा. एल.आर. बिश्नोई के इस कारनामे पर मेघालय के मुख्यमंत्री ने भी उन्हें बधाई दी है।

इस बारे में डीजीपी डा. बिश्नोई ने बताया कि पैराजंपिंग के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है और पूरी तरह पैरजंप के लिए योग्य साबित होने के बाद ही प्रशिक्षण तथा पैराजंप की अनुमति मिलती है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद उन्हें ये अनुमति मिली पैराजंप के लिए अनुमति मिलने के बाद उनके लिए अपने परिजनों को मनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं था। हालांकि किसी तरह उन्होंने अपनी पत्नी तथा दोनों बेटों को राजी कर लिया और निकल पड़े एक नए इतिहास रचने के लिए। यूपी के गाजियाबाद हिंडन एयरबेस में गत 13 मार्च से उनका 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। उनके साथ पैराजंप करने वालों मे कुल 20 लोग थे, मगर डीजीपी रैंक के वे अकेले अधिकारी थे। इस दौरान कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए, जिनमें शारीरिक व मानसिक प्रशिक्षण आदि शामिल थे। उन्होंने बताया कि 10 दिनों का गहन प्रशिक्षण के बाद उस पल का अनुभव किया, जिसके लिए वह बेताब थे। पैराशूट पहनने के बाद वह बहुत उत्साहित महसूस कर रहे थे, जैसे कि वे अपने देश को बचाने के लिए युद्ध के मोर्चे पर जा रहे हों।

युवा अधिकारियों के साथ ट्रेनी बनना एक शानदार अनुभव
उन्होंने बताया कि पहली बार जब वो पैराजंप कर रहे थे तो कुछ सेकंड के लिए डर के साथ उनका शरीर सुन्न हो गया था, विशेष रूप से बाहर निकलने से ठीक पहले लेकिन जैसे ही वह विमान से बाहर निकले, उनकी सारी चिंताएं दूर हो गईं। आसमान में तैरते समय वह अपने चेहरे पर ठंडी हवा महसूस कर कर रहे थे, क्योंकि वह उनका स्वागत कर रही थी। साथ ही बेबी क्लाउड से हाथ मिलाया। सुरक्षित लैंडिंग के दौरान यह शानदार अहसास था। 23 मार्च को उन्होंने 5वां पैराजंप किया, जो पूरी तरह से परफेक्ट रही। इस पैराजंप को देखने के लिए डीजीपी डा. बिश्नोई के पुत्र मोहित व सुमित बिश्नोई भी एयरबेस पहुंचे। इसके पश्चात उन्हें एक समारोह के दौरान एयरबेस मार्शल द्वारा पैराविंग्स से सम्मानित किया गया। यह क्षण डॉ. बिश्नोई के लिए एक यादगार लम्हा बन गया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए डीजीपी बिश्नोई ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि पैराजंप में बहुत सारी उम्मीदें हैं और किसी भी व्यक्ति के साहसिक कौशल को बदलने की क्षमता है। उन्होंने आशा जताई कि उनके इस प्रदर्शन के बाद युवा अधिकारियों के मन में पैराजंप के प्रति आकर्षण और बढ़ेगा। इसके लिए बस मन में रोमांच की भावना होनी चाहिए।

असम-मेघालय कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तथा मेघालय के डीजीपी डॉ. बिश्नोई के इस कीर्तिमान के बाद मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने भी उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने ट्वीट करके कहा कि हिंडन एयरबेस पर 5000 फीट की ऊंचाई से पांच पैराजंप के सफल होने पर बधाई। ऐसा करने वाले भारत के पहले डीजीपी रैंक के अधिकारी बन गए हैं, जिन्होंने यह गौरव प्राप्त किया है। वहीं मेघालय पुलिस ने 24 मार्च को ट्वीट करके डीजीपी के इस रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दी है। मेघालय पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया कि डीजीपी डॉ. एलआर बिश्नोई ने इतिहास बनाया है। डीजीपी का समर्पण और प्रतिबद्धता हम सभी के लिए प्रेरणा है।

इस खास उपलब्धि पर डीजीपी डॉ. एलआर बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा किया। उल्लेखनीय है कि डॉ. बिश्नोई असम पुलिस में भी विशेष पुलिस महानिदेशक के पद् पर अपनी शानदार सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में डीजीपी डॉ. एलआए बिश्नोई की इस सफलता ने मेघालय और पूर्वोत्तर ही नहीं, बल्कि हरियाणा का नाम देशभर में गौरवान्वित किया है।
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