विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने आज जिला प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर हरियाणा सरकार में मंत्री संदीप सिंह द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के साथ यौन उत्पीडऩ के मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। ज्ञापन देने वालों में जनवादी महिला समिति की जिला प्रधान शकुंतला जाखड़, निर्मला, सुनीता, रेखा, कृष्णा, विकलांग अधिकार मंच से ऋषिकेश राजली, महाबीर, मीनू, पंकज शर्मा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से मनोहर लाल जाखड़, आनंद देव सांगवान, रमेश ठकराल, पीटीआई से विजय, जयबीर, पंकज, किसान सभा से आनंद देव, सुनील गोरखपुर, का. बलराज, सतबीर सिंह रुहिल, स्वराज इंडिया से विरेन्द्र बागौरिया, सीटू से सुरेन्द्र मान आदि शामिल रहे।

ज्ञापन में कहा गया है कि हरियाणा की प्रतिभाशाली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व जूनियर कोच ने 31 दिसंबर 2022 को हरियाणा के तत्कालीन खेल मंत्री संदीप सिंह द्वारा यौन उत्पीडऩ करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है। इस मामले में सही ढंग से जांच सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी था कि मंत्री संदीप सिंह को मंत्रिमंडल व हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटाया जाता और गिरफ्तारी की जाती परन्तु अफसोस की बात है कि एफआईआर दर्ज होने के 82 दिन बाद भी आरोपी मंत्री को न तो मंत्रिमंडल से हटाया गया और न ही गिरफ्तारी की गई।
आरोपी संदीप सिंह मंत्री जैसे बेहद प्रभावशाली पद रहते हुए लगातार तमाम जांच को प्रभावित कर रहे हैं और होनहार बेटी व उसके परिवार का जीवन दुर्भर किया हुआ है। आरोपी मंत्री संदीप सिंह के कहने से हरियाणा सरकार द्वारा गठित एसआईटी (जिसे बाद में फैक्ट फाइंडिंग टीम नाम दिया गया), ने लडक़ी को लांछित करने, चंडीगढ़ पुलिस की जांच को प्रभावित करने व मंत्री को क्लीन चिट देने के पूरी कोशिश की है। पीडि़ता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने पीडि़ता सुरक्षा देने की बजाए उसकी निगरानी करने तथा मानसिक व शारीरिक रूप से और ज्यादा प्रताडि़त करने का काम ही किया है। यहां तक कि पिछले दिनों पीडि़ता व उनकी बहन की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई डॉक्टर ने खाने में जहरीला पदार्थ होने का शक जाहिर किया।
पिछले दिनों पीडि़ता को रास्ते में रोककर जान से मारने की धमकी भी दी गई। राज्य की भाजपा सरकार व तमाम सरकारी मशीनरी उत्पीडि़ता को न्याय के लिए आश्वस्त करने की बजाए आरोपी मंत्री संदीप सिंह के साथ खड़ी नजर आ रही है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जांच प्रक्रिया के बीच में जांच को प्रभावित करने के इरादे से शिकायतकर्ता खिलाड़ी के आरोपों को अनर्गल बता चुके हैं।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की गरिमा को ताक में रखकर आरोपी मंत्री संदीप सिंह से झंडारोहण करवाया गया है। विधानसभा में विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कर नहीं हटाएंगे नहीं हटाएंगे नहीं हटाएंगे की रट लगाई। विधानसभा अध्यक्ष भी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी भूलकर भाजपा प्रवक्ता की तरह मंत्री के बचाव में उतर आए। ऐसे में उत्पीडि़त बेटी को सुरक्षित रह पाने और न्याय मिलने की उम्मीद कैसे बंध सकती है।
इस बेहद गंभीर मामले को आपके संज्ञान में लाने के लिए हम कई बार प्रयास कर चुके हैं। हमने आपके नाम लिखे ज्ञापन पर हरियाणा भर से 30 हजार से ज्यादा हस्ताक्षर एकत्रित कर 27 मार्च 2023 को नई दिल्ली में आपके कार्यालय में भी दिए हैं।न्याय संघर्ष समिति सहित अन्य जन संगठनों की निम्न मांगें हैं:-पीडि़ता को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। मंत्री संदीप सिंह को तुरंत मंत्रिमंडल व हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटाते हुए गिरफ्तार किया जाए।

पीडि़ता को दोषी ठहराने वाले अपने आपत्तिजनक बयानों को मुख्यमंत्री वापस लेते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। पूरे मामले की जांच माननीय पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में करवाई जाए। विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री एवं मुख्यमंत्री के आपत्तिजनक आचरण पर समुचित कार्रवाई की जाए। 26 जनवरी को मंत्री संदीप सिंह से झंडारोहण करवाने का सामने से विरोध करने वाली महिला को घसीटने वाले पुरुष पुलिसकर्मियों और मंत्री के गुर्गों पर कड़ी कार्रवाई हो।
रोहतक व करनाल में इस मामले में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को पुरुष पुलिस कर्मियों द्वारा सडक़ पर घसीटने और कपड़े फाडऩे तथा एक आंदोलनकारी युवक की पुलिस कर्मियों द्वारा थाने में ले जाकर पिटाई करने के मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। खेलों से संबंधित संस्थाओं की लोकतांत्रिक एवं जवाबदेह कार्य प्रणाली सुनिश्चित की जाए। खिलाड़ी लड़कियों के लिए खेल का स्वस्थ, सुरक्षित और प्रोत्साहन का वातावरण निर्मित हो। खेल संघों व सभी कार्यस्थलों पर कानून अनुसार यौन हिंसा विरोधी कमेटियां गठित की जाएं।
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