निर्भया फंड से पुरे भारत के हर जिले में हिंसा पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए वन स्टॉप सेंटर सखी सेंटर खोले गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू हिंसा व पीड़ित महिलाओं को निशुल्क सहायता प्रदान करना है। वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह व पति की और से दूसरी शादी करने जैसे मामलों को लेकर होने वाले विवादों के निपटारे के लिए वन स्टॉप सेंटर महिलाओं की मदद के लिए कारगर साबित हो रहा है।
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जिले में जनवरी 2017 में शुरू हुए वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल 2023 तक 1253 मामले आ चुके हैं जिनमें से 445 मामले अकेले घरेलू हिंसा तथा रेप के 20, यौन उत्पीड़न के 4 मानव तस्करी के 5, बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न 32, बाल विवाह 17, गुमशुदा 525, साइबर क्राइम 34, दहेज उत्पीड़न में मृत्यु के 2 तथा अन्य मामलों के 169 केस सहित कुल 1253 मामले आ चुके है । इन सब का समय पर मदद करके निपटारा किया गया है। अगर किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होती है तो वह महिला हेल्पलाइन नंबर 181 जो सभी जिला अनुसार वन स्टॉप सेंटरो से जोड़ा गया है, पर सम्पर्क करके निशुल्क वन स्टॉप सेंटर योजना का लाभ ले सकते है।
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वन स्टॉप सेंटर पीड़ित महिलाओं को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर महिलाएं बेझिझक महिला हेल्पलाइन 181 पर सम्पर्क करें। वर्ष 2023 में अब तक के कुल 93 केस में से 52 महिलाओं को यहां अस्थाई आश्रय दिया गया। महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी प्रदान करने के लिए ग्रामीण व् शहरी दोनों क्षेत्रों में विभाग द्वारा समय समय पर जागरूकता शिविर आयोजित किये जा रहे है। वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता परामर्श व हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए अस्थाई आश्रय जैसी सुविधाए उपलब्ध करवाई जाती है।
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