स्वामी श्री युक्तेश्वर गिरि का आविर्भाव दिवस बुधवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर विविध धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया से शबनम हंस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश भर में श्रद्धालुगण प्रत्येक वर्ष 10 मई को ध्यान, क्रिया योग व उन्नत प्रविधियों के माध्यम से स्वामी श्री युक्तेश्वर गिरि का जन्मदिन मनाते हैं। भय का सामना करो, तब वह तुम्हें सताना बन्द कर देगा जैसे उनके शब्द दुनिया में करोड़ों लोगों को शांत व दृढ़तापूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

उन्होंने बताया कि स्वामी श्री युक्तेश्वर गिरि द्वारा योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया/सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप की स्थापना करवाई गई, जहाँ पर योगदा पाठमाला सदस्यता में पंजीकरण कराकर ध्यान की उन्नत प्रबिधि क्रिया योग को सीखा जा सकता है। वे मितभाषी और पूर्णतया आडंबर रहित थे। उनका मौन रहना उनकी अनंत ब्रह्म की गहन अनुभूति के कारण था।

शबनम हंस ने बताया कि स्वामी श्री युक्तेश्वर गिरि का जन्म 10 मई, 1855 को श्रीरामपुर, पश्चिम बंगाल में हुआ था। बौद्धिक और आध्यात्मिक शिक्षा में उनकी जीवन पर्यन्त रुचि थी। वे अपने शिष्यों से जोर देकर कहा करते थे कि स्थिर, दैनिक आध्यात्मिक प्रगति के अतिरिक्त अन्य बाहरी प्रतीकों का कोई महत्व नहीं है। वे उन्हें क्रिया योग की अत्यधिक उन्नत आध्यात्मिक प्रविधि का अभ्यास करने की याद दिलाते रहते थे। एक शताब्दी से अधिक समय से स्थापित की गई उनकी संस्थाएं अपने आरम्भ से लेकर आज भी पूर्व और पश्चिम को क्रिया योग के वर्णनातीत प्रकाश से आलोकित कर रही हैं।
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