हरियाणा के हिसार उपमंडल में ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों के पंजीकरण की सरकारी फीस में लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। डाटा ऑपरेटर विजय कुमार पर एक जनवरी 2020 से 12 जुलाई 2021 तक 52 लाख रुपये फीस का गबन करने का आरोप है। पुलिस ने डाटा ऑपरेटर के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। नारनौंद उपमंडल में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण की सरकारी फीस में गबन का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया। उपमंडल अधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। आदेश में कहा कि एक जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2023 तक की सरकारी फीस की जांच की जाए।

इस दौरान इस सीट पर विजय कुमार, लोहित, मनदीप वर्मा और मोनू ने अलग समय पर काम किया था। उपमंडल अधिकारी के आदेश पर गठित टीम ने जांच शुरू की। टीम ने शक होने पर ऑपरेटर विजय कुमार से इस संबंध में पूछताछ कर सारे तथ्यों के बारे में जानकारी ली। जांच टीम ने ऑपरेटर के कार्यकाल के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस व मोटर वाहन पंजीकरण की सरकारी फीसके ट्रेजरी हेड में जमा किए गए चालान की प्रति द्वारा नागरिकों से प्राप्त फीस के बारे में पूछताछ की।
क्योंकि कैश काउंटर पर फीस लेने से उससे डीआईटीएस के खाता में सरकारी हेड बैंक में जमा करवाने का कार्य ऑपरेटर द्वारा ही किया जाता है। इस मिलान के कार्य के डाटा एंट्री ऑपरेटर विजय कुमार से ड्राइविंग लाइसेंस फीस जमा करवाने के बारे में पूछा। इस पर ऑपरेटर ने बताया कि उसने यह फीस हिसार में जमा करवाई है। हालांकि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि डाटा एंट्री ऑपरेटर की ओर से यह फीस कहीं पर भी जमा नही करवाई गई थी। इसके लिए डाटा ऑपरेटर को कार्यालय में भी बुलाया था,
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