ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में आज सुबह ओशोधारा मैत्री संघ हिसार ने अपने कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में ध्यान का कार्यक्रम आयोजित किया। सुबह के सत्र में आचार्य जितेंद्र ने कुंडलिनी ध्यान करवाया। उन्होंने साधकों को कुंडलिनी ध्यान की क्रियाएं बहुत ही रोचक और सरल रूप से बताई। आचार्य ने बताया कि कुंडलिनी ध्यान आपके शरीर में सुप्त ऊर्जा को जगाते हैं और इसे आपके चक्रों (ऊर्जा केंद्रों) के साथ तब तक ले जाते हैं जब तक कि यह सातवें (मुकुट) चक्र, आपके सिर पर रिलीज होने के बिंदु तक नहीं पहुंच जाता।

ऊर्जा की यह रिहाई आंतरिक संतुलन, जागृति और ज्ञान को बढ़ावा देती है। कुंडलिनी ध्यान आप की ऊर्जा को प्रसारित करने और अपने आपको तनाव मुक्त करने का एक तरीका है। दर्जनों मित्रों ने आज कुंडलिनी ध्यान किया और ध्यान के बाद सभी बहुत ही उत्साहित और प्रसन्न थे।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित हुए ओशोधारा हरियाणा के प्रमोशनल कोर्डिनेटर आचार्य गगन ने ध्यान की जीवन में महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के ध्यान के सारे कोर्सेज बहुत ही रिसर्च करके तैयार किये गए हैं और वो वैज्ञानिक दृष्टि के हिसाब से भी उच्चतम कोटि के हैं। इस अवसर पर हिसार टीम सद्गुुरु के सभी सदस्य भी उपस्थित थे। सभी मित्रों ने पूरे उत्साह के साथ अपने ज्यादा से ज्यादा मित्रों को ध्यान योग से जोडऩे का संकल्प लिया।
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