हरियाणा में हिसार के गांव रामायण पेट्रोल के पंप मालिक रोशन लाल ने सुसाइड कर लिया। पंप मालिक ने दो दिन पहले रात को अपने घर पर जहरीला पदार्थ निगला था। जिसके बाद तबीयत खराब गो गई । उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया । रात को रोशन लाल की इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने से पहले उसने सुसाइड नोट भी लिखा।

साइड नोट में भाजपा नेता का नाम लिखा है। मामला पंप में हिस्सेदारी को लेकर था। भाजपा नेता के पास पंप मालिक के ब्लैक चैक थे, जिसे वह बैंक में लगाने की धमकी देता था। वह इन चैकों का दुरुपयोग कर रहा है। मेरे परिवार ने मेरा साथ नहीं दिया, इसलिए भाजपा नेता को मौका मिल गया। मेरी जीवन लीला खत्म कर रहा हूं और जिसका जिम्मेदार वह है।
यह है 3 पेज का सुसाइड नोट पढ़ें………..



जब मैने राधे कृष्ण किसान सेवा केंद्र लगाया था उस समय मंदीप मलिक ने खाता खोला था। जो कि सेविंग एकाउंट था। फिर मंदीप ने उस खोते की चेक बुक इश्यू करवाई । फिर मेरी बुक आ गई। फिर मंदीप ने मुझसे कहा कि तुम इस चैक बुक से तीन चैक ब्लैंक साइन किए हुए ले लिए। फिर उसके बाद हमारे बाकी चैक से पंप के काम लिए जो चैक उसने लिए मैने उसका सारा हिसाब कर दिया।
उसने कहा कि अभी मेरे पास आपके तीन ब्लैक चैक रखे हैं। मैं आपको इन चौकों द्वारा किसी ओर आदमी को देकर कोर्ट के हिसार से पैसे लेकर रहूंगा। जब मैने उसका हिसाब 4 जून 2021 को चार लाख रुपये देकर कर दिया था। वह हिस्सा मेरी बहन ने ले लिया था। जिसमें उसे साइन व फोन नंबर लिखे है। अगर मंदीप ने किसी आदमी को फोन करके कहा मै यह चैक लगा रहा हूं। अगर आप ने साथ आना है तो मैं मैं आपको हिस्सा दे दूंगा। मगर उस आदमी ने मना कर दिया। फिर उसने चैक किसी ओर जो कि मैं उसको कभी जानता नहीं हूं, उसको चैक देकर बांउस करवाकर मेरे पास सम्मन भेज दिए।
अब मेरे ऊपर बार बार दबाव बना रहा है कि अभी तो मैने पैसे ओर लेने है, जब तक आप जिंदा रहोंगे, तब तक मैं आपका पीछा छोड़ने वाला नहीं हूं। क्योंकि आप तो मेरे कमाऊं पुत थे। उसने कभी भी पूंजी पंप पर नहीं लगाई और जो लगाई शुरू शुरू में तीन लाख रुपये केवल। जब भी सप्लाई आती, उसने कोई पैसा नहीं दिया। उसका काम डरा- धमकाकर पैसे निकालना था। वह 2012 से लेकर अब तक 20 से 25 लाख रुपये पंप से निकाल कर ले गया।
मैं मंदीप मलिक के डर से में आत्महत्या कर रहा हूं। उसके साथ जयेष बगा जिम्मेदार है। मंदीप मलिक भाजपा का नेता हैं वह कहता है कि जो मैं बोलता हूं, उससे पैसे से ही हिसार होता। हमारी यही बोलने की कमाई है। यदि आपने पैसे नहीं दिए तो हमारे से बुरा आपके लिए कोई नहीं होगा। सारे परिवार को उठा लेंगे। इसलिए अत्यंत दुखी होकर मैने यह कदम उठाया है। मेरा परिवार मेरे साथ नहीं था। इसलिए मंदीप को मौका मिल गया। जिसकी वजह से मेरी जीवन लीला खत्म कर रहा हूं।
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