हरियाणा के जींद जिले के गांव बीबीपुर से वर्ष 2015 में शुरू हुआ सेल्फी विद डॉटर अभियान अब समूचे विश्व में फैल चुका है। इस बार नौ जून को सेल्फी विद डॉटर डे के अवसर पर हरियाणा के हिसार में जहां राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है वहीं भारत के अलावा नेपाल व कनाडा में भी इस बार यह दिवस मनाया जा रहा है।
सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि सेल्फी विद डॉटर अभियान इस दशक में भारत का सबसे चर्चित अभियान बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में छह बार और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर दो बार इस अभियान की प्रशंसा की है। उन्होंने बताया कि सात साल पहले नौ जून को सेल्फी विद डॉटर डे के आयोजन की शुरूआत की गई थी।
हर साल देश के अलग-अलग राज्यों में यह आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार का सेल्फी विद डॉटर डे दिव्यांग लड़कियों को समर्पित किया गया है। जिसके चलते हिसार में होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम में बरेली की दिव्यांग लडक़ी रिद्धम शर्मा को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है। यह लडक़ी साइन लैंगवेज के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इजाद किया गया शब्द ‘दिव्यांग’ भी प्रचारित होगा।

जागलान ने बताया कि हिसार के गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश के बीस राज्यों की लड़कियां भाग लेंगी। इनमें बीस से अधिक दिव्यांग लड़कियां होंगी। जिन्हें कार्यक्रम के दौरान अग्रणी भूमिका में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि नौ जून को नेपाल में भी बेस्ट थ्री सेल्फी को अवार्ड दिया जाएगा। इसके अलावा कनाडा में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
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जल्द अमेरिका में शुरू होगा सेल्फी विद डॉटर
सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान भारतीय मूल के लोगों से जब बातचीत की तो उन्होंने इस अभियान का जिक्र किया। अमेरिका में भी कन्या भ्रूण हत्या तथा लिंगानुपात गड़बड़ाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते बहुत जल्द अमेरिका में भी सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरूआत की जाएगी।
देश की सौ संस्थाएं भी करेंगी आयोजन
सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि नौ जून को कानपुर की वन टीचर वन कॉल संस्था, प्रयोग फाउंडेशन पंचकूला, नई दिल्ली की हयूमन चेन, लखनऊ की संस्था शास्वत जिज्ञासा, नई दिल्ली की वायस फॉर एबील्टी, कोलकाता की ईएलसी, आंध्र प्रदेश की केयर एंड शेयर फाउंडेशन, नई दिल्ली की नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड समेत सौ संस्थाओं द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
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