पुलिस ने मरी हुई बहन को जिंदा दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री करवाने के मामले में तीन महिलाओं सहित पांच पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई जांच व मिली रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है। इस संबंध में बालसमंद गांव निवासी अमिता ने पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत की जांच आर्थिक शाखा की और शिकायत सही पाए जाने पर सदर पुलिस ने जमीन बेचने वाली सुदेश, खरीददार राजबाला, गुड्डी, नरेंद्र व देवेंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया। जांच में पाया गया कि आरोपितों ने साढ़े चार एकड़ जमीन खरीदी है और दो एकड़ जमीन लिखवाई हुई है।

शिकायतकर्ता अमिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसकी ननंद सुदेश ने दूसरी ननद मुकेश बनकर धोखाधड़ी से उनके मंदबुद्धि पति से जमीन अपने नाम करवा ली । ननद मुकेश की वर्ष 2005 में मौत हो गई थी। आरोपित राजबाला और गुड्डी उसकी सास की बहनें हैं और सभी आपस में मिलकर उसकी जमीन हड़प रहे हैं। उसकी ननंद मुकेश की मौत हो गई थी लेकिन दूसरी ननद सुदेश ने मुकेश बनकर उनकी जमीन दोनों के नाम करवा दी। सुदेश ने 2011 में व 2020 में धोखाधड़ी से रजिस्ट्री करवा दी। इसमें गवाहों ने भी गवाही देकर धोखाधड़ी की है। महिला की शिकायत पर इकोनॉमिक सेल ने इसकी जांच की।
आर्थिक शाखा ने जांच में पाया कि सुदेश ने कागजात में अपने आप को मुकेश दशार्या हुआ है। आरोपितों ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता का पति उनका रिश्तेदार है। मां-बाप की आर्थिक मौत के बाद रमेश ने जब जमीन बेचनी शुरू की थी तो पूरे परिवार की सहमति से बेची थी।
पुलिस की शाखा ने जांच के बाद दी रिपोर्ट एक रजिस्ट्री 2011, दूसरी 2014 शिकायतकर्ता भी साथ ही थी। और तीसरी 2022 में करवाई गई। उन्होंने बताया कि हमने सारा पैसा रमेश को देकर ही जमीन खरीदी और गवाह भी रमेश ही लेकर आया। सुदेश का कहना है कि वह अनपढ़ है और उसकी बहन की मौत के बाद परिजनों ने गलती से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया । रमेश ने मां- बाप की मौत के बाद सारी जमीन अपनी सहमति से ही बेची थी। पुलिस ने जांच में पाया कि सुदेश ने रजिस्ट्री के समय मुकेश बनकर तहसील में फोटो करवाई | गवाह के तौर पर पवन, सुरेश पिलानिया ने तहसील में गलत शिनाख्त करवाई। पुलिस ने इन सभी पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करके छानबीन आरंभ कर दी है।
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