एशियन रिसर्च फाउंडेशन, हिसार (हरियाणा) और शोध प्रकाशन, हिसार ने हिंदी विभाग, शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर, जिला छतरपुर (मध्य प्रदेश) के साथ मिलकर एक दिवसीय ऑन-लाइन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस ‘प्रेमचंद के उपन्यास (विविध आयाम)’ पर आयोजित की गई। यह कांफ्रेंस हिंदी साहित्य और साहित्य सम्राट मुंशी प्रेमचंद को समर्पित थी।
डॉ. संजीव कुमार विश्वकर्मा ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कांफ्रेंस का शुभारंभ किया। तत्पश्चात विभिन्न विद्वानों ने प्रेमचंद के उपन्यास साहित्य से संबंधित अपने-अपने विचार प्रकट किए। विषय से संबंधित वक्तव्य देने वाले विद्वानों में डॉ. सुनील पाटिल, डॉ. देशमुख, डॉ. शुभांगी चौहान, एस. राजलक्ष्मी, डॉ. पारुल रहनाज (कर्नाटक), डॉ. आशा राठौर, डॉ. संपतलाल रैगर, अंजना जोशी, आशीष गुप्ता आदि की विशेष उपस्थिति रही। सहभागिता कर रहे विद्वानों की सहमति से कार्यक्रम का समापन किया गया।

संचालन और आभार व्यक्त करने की भूमिका का निर्वहन शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ डॉ. संजीव कुमार विश्वकर्मा ने किया। शोध प्रकाशन के प्रबंधक प्रहलाद सिंह अहलूवालिया व एशियन रिसर्च फाउंडेशन के सचिव श्री राम किशन जी ने सभी वक्ताओं व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। शोध प्रकाशन पिछले कई सालों से साहित्य और शोध क्षेत्र में बहुत तेजी से काम कर रहा है। देश के कोने कोने से विभिन्न साहित्यकारों ने अपने शोध आलेखों को प्रस्तुत किया। इन सभी शोध आलेखों को शोध प्रकाशन एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करेगा। जो कि यूजीसी के दिशा निर्देशों से ही प्रकाशित की जाएगी।
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