आए दिन सामने आ रहे दहेज के नये-नये मामलों के बीच कुछ ऐसे विरले इंसान भी होते हैं जो बिना दहेज शादी करके दुल्हन को ही दहेज मानते हैं। हाल ही में हरियाणा जिले के गांव सीसवाल में बैनीवाल परिवार में हुई एक शादी में यही देखने में आया। इस शादी को देखकर हर कोई कह रहा था कि दहेज न लेने का यह ऐतिहासिक फैसला है और हर परिवार को ऐसा ही करना चाहिए।

जी हां, सीसवाल गांव निवासी दलीप बैनीवाल ने अपने पुत्र विक्रम का रिश्ता टोकस गांव निवासी देवेन्द्र खोखर की पुत्री पूजा के साथ तय किया वहीं अपनी पुत्री प्रियंका का रिश्ता आदमपुर गांव निवासी चन्द्रपाल राहड़ के पुत्र अमित के साथ तय किया। शादी के दिन आदमपुर से प्रियंका की बारात आई और ढुकाव व फेरों के बाद समठुनी के समय प्रियंका के पिता दलीप बैनीवाल ने थाली में नकदी रखी तो अमित व उसके परिजनों ने यह कहते हुए नकदी लेने से मना कर दिया कि वेे केवल एक रुपया व नारियल ही लेंगे। सभी ने आदमपुर के राहड़ परिवार के इस निर्णय की प्रशंसा की और फेरों के बाद पुत्री प्रियंका को विदा किया।

अगले दिन दलीप बैनीवाल के पुत्र विक्रम की बारात टोकस गांव पहुंची। यहां पर भी वही हुआ। जब खोखर परिवार ने फेरों की रस्म के बाद थाली में नकदी रखी तो दूल्हे के पिता दलीप बैनीवाल ने यह कहते हुए नकदी लेने से मना कर दिया कि वे केवल एक रुपया व नारियल ही लेंगे। दलीप बैनीवाल के अनुसार वास्तव में दुल्हन ही दहेज है और जो मां-बाप अपनी बेटी हमारे को दे रहे हैं, उससे बड़ा दहेज क्या हो सकता है। खोखर परिवार ने दलीप बैनीवाल व उनके परिजनों की प्रशंसा की और कहा कि आज के समय में इस तरह के इंसान बिरले ही मिलते हैं। आए दिन दहेज मांगने व विवाहिताओं को प्रताडि़त करने के मामले सामने आते हैं लेकिन दलीप बैनीवाल व चन्द्रपाल राहड़ के परिवार ने दहेज में नकदी के रूप में एक रुपया व एक नारियल लेकर दहेज लोभियों के समक्ष उदाहरण पेश किया है।
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