हरियाणा के यौन हिंसा आरोपी मन्त्री संदीप सिंह को मंत्रिमंडल, हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटाने की, लाईव डिटेक्टिव टेस्ट करवाने व पीडि़ता को सुरक्षा प्रदान करने की मांग को लेकर आज प्रदेश भर में जिला स्तर पर किये गये सामूहिक उपवास की कड़ी में हिसार में जिला उपायुक्त कार्यालय पर जनवादी महिला समिति ने उपवास रखा।
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समिति की जिला अध्यक्ष शकुंतला जाखड़ की अध्यक्षता में जिला उपप्रधान संतोष श्योकंद, शांति, कृष्णा सातरोड़, कृष्णा क्रांति नगर, कैलाश जाखड़, सुदेश, तमन्ना, ममता जाखड़, कमला, सीता शर्मा, रोशनी, मनीषा पीटीआई, अनिता पीटीआई, विजय सुलखनी, जयबीर बाडो, विरेन्द्र बागोरिया आदि 17 लोग दिन भर उपवास पर बैठे। अनशनकारियों कोजनवादी महिला समिति की वरिष्ठ नेता बिमला चौधरी, निर्मला, कुशल, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश सैनी ने मालाएं पहनाकर अनशन पर बिठाया। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूलमालाएं डालकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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समिति की जिला अध्यक्ष शकुंतला जाखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि 29 दिसम्बर 2022 को जब से यह मामला मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आया, तबसे न्याय संघर्ष समिति के बैनर तले हरियाणा भर में यौन हिंसा के आरोपी मंत्री संदीप सिंह की बर्खास्तगी एवं गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। मंत्री के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज हुए 105 दिन हो गए हैं परंतु अब तक चंडीगढ़ पुलिस द्वारा चालान पेश नहीं किया गया है। भाजपा सरकार ने आरोपी मंत्री संदीप सिंह को न तो मंत्रिमंडल से हटाया है और न ही गिरफ्तारी की है। चंडीगढ़ पुलिस ने मंत्री संदीप सिंह की ब्रेन मैपिंग के लिए चंडीगढ़ कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसकी 13 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई है। इस पूरे मामले में भाजपा सरकार मंत्री संदीप सिंह को बचाने के लिए हर औच्छा हथकंडा अपना रही है। दूसरी तरफ पीडि़ता व उसके परिवार को यातनाएं देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।

समिति की नेता शीला, रीमा बैनीवाल, सुनीता, कुशल, रोशनी, कृष्णा दुर्जनुपर, कृष्णा शर्मा, सुशीला, विद्या, किरण, सीमा, निर्मला, बिमला चौधरी, लालबहादुर खोवाल एडवोकेट, भूपेन्द्र गंगवा, शमशेर सिंह नम्बरदार, सतबीर धायल, सतबीर रुहिल, ओमप्रकाश सैनी, आनंद देव सांगवान, का. बलराज, मनोहर लाल जाखड़, श्योचंद घोड़ेला, अशोक अटवाल, संतलाल खेड़ी बर्की, बबली लाम्बा, सर्वजीत कौर, सरोज सैनी आदि अनेक लोगों की भागीदारी रही। संघर्ष को तेज करने के निर्णय के साथ सायंकाल अनशन पर बैठे लोगों का जूस पिलाकर अनशन खुलवाया गया।
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