हरियाणा के हिसार में सोमवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सुश्री यशवी को वर्ष 2019-2020 में बीएससी (ऑनर्स) होम साइंस प्रोग्राम में सर्वोच्च ओ.जी.पी.ए हासिल करने पर स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। दुर्भाग्य से यशवी ने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था, इसलिए वह अपने नानी-नाना माया देवी वर्मा और प्रोफेसर नैपाल सिंह वर्मा के साथ रहती हैं। वर्तमान में वह सीसीएसएचएयू में ही पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं।

स्कूली शिक्षा के बाद से पढ़ाई में उनका प्रदर्शन हमेशा उत्कृष्ट और शानदार रहा है। यशवी के नाना प्रो. नैपाल सिंह वर्मा पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर एक्स्टेंशन एवं प्रो. एंड हैड एक्सटेंशन एजुकेशन एंड टेक्निकल एडवाइजर, हकृवि ने बताया कि वह एक स्व-अनुशासित मेहनती, दूसरों का ख्याल रखने वाली और जिम्मेदार लडक़ी है, जो अपनी पढ़ाई के अलावा हमेशा नियमित रूप से घर के सभी कामों में हमारी मदद करती है और सामान्य जीवन से जुड़ी देखभाल और हमें दवाएं इत्यादि देने आदि के रोजाना के कार्य पूरी गंभीरता व जिम्मेवारी से निभाती है। उन्होंने बताया कि यशवी प्राचीन भारतीय सनातन वैदिक संस्कृति में आधुनिक दृष्टिकोण और जीवन में व्यावहारिक दृष्टिकोण में दृढ़ता से विश्वास करती है।
यशवी ने अपनी सफलता का श्रेय विशेष रूप से अपने नाना-नानी को दिया और उनकी उपलब्धियों में उनकी मौसियों और मामाओं का भी सहयोग रहा। यशवी ने अपने नाना प्रो. नैपाल सिंह वर्मा को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि मैं जो भी धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और उच्च नैतिक व चारित्रिक मूल्यों को अपने जीवन में धारण कर पाई हूं, वह मेरे नाना जी के व्यावहारिक जीवन को देखने से ही है। उनसे मुझे सदैव प्रेरणा मिलती है जिन्होंने जीवन भर निस्वार्थ भाव से पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया और अपनी सामाजिक व प्रोफेशनल जिम्मेवारियां निभाई।
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