उपायुक्त उत्तम सिंह ने पराली प्रबंधन के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के कार्य से जुड़े अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगाए गए सभी प्रतिबंधों व निर्देशों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करें। प्रदूषण नियंत्रण के लिए धारा-144 के साथ-साथ अन्य दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन निर्देशों के तहत उल्लंघना करने वालों के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य में लोगों का सहयोग भी अपेक्षित है। इसलिए आमजन से यह अपील की जाती है कि वे प्रदूषण के मद्देनजर जिला प्रशासन का सहयोग करें। उपायुक्त ने बताया कि जिले में विभिन्न स्तर पर एनफोर्समेंट टीम गठित की जा चुकी है, जो नियमित रूप से निगरानी का कार्य कर रही है। दोषियों के विरुद्ध एफआईआर की जा रही है और पराली जलाने पर चालान भी किए जा रहे हैं।

माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार पराली जलने पर संबंधित थाना के एसएचओ की जवाबदेही को तय किया गया है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि पराली जलाने की घटनाएं नियंत्रित हो और यदि कहीं पराली जलती भी है, तो दोषी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त औद्योगिक इकाइयां तथा अन्य क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का रबड़, पॉलीथिन तथा अन्य तरह का कूड़ा-कबाड़ न जलाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
निर्देशों की उल्लंघना पर औद्योगिक इकाइयों सहित अन्य दोषीगणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों व आरटीओ को निर्देश दिए कि वे वाहनों की नियमित रूप से जांच करें और प्रतिबंधित वाहनों व बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के चलने वाले वाहनों को इंपाउंड किया जाए। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त नीरज, एसडीएम विकास यादव, विजया मलिक, मोहित महराणा सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आदि अधिकारी मौजूद थे।
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