अतिरिक्त उपायुक्त नीरज की अध्यक्षता में मंगलवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंस सभागार में स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1985 के तहत बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने नशीली दवाओं की रोकथाम एवं तस्करी के संबंध में पुलिस विभाग तथा उत्पाद एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि नशीले पदार्थों से जुड़े अपराधों में कठोर दंड का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त दोहराए गए अपराधों में डेढ़ गुणा जुर्माना और कुछ मामलों में मौत की सजा का भी प्रावधान है। जिले में पुलिस विभाग द्वारा रात्रि डोमिनेशन अभियान चलाए जाते हैं।

अपराधियों को धरपकड़ के लिए अलग-अलग स्थानों पर विशेष नाके व पुलिस के गश्त बल को तैनात करके संदिग्ध व्यक्तियों तथा वाहनों की जांच की जाती है। अतिरिक्त उपायुक्त नीरज ने बताया कि कानून तोडऩे वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाती है, जिसमें एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस विभाग की जांच में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की देखरेख में कानूनी प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम,1985 के सेक्शन-42 में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निर्धारित है, इसमें तीन विभाग पुलिस, राजस्व तथा उत्पाद एवं कराधान आदि शामिल है। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक्ट के तहत अधिकारियों को ज्यादा सतर्कता के साथ कर्तव्य निर्वहन करना होगा और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में अन्य अधिकारी की ड्यूटी निर्धारित करना भी सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में प्रशिक्षणाधीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सिंह (आईपीएस), राजस्व तथा उत्पाद एवं करा
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