जैन स्थानक में बच्चों के लिए प्रशिक्षण शिविर आज
हिसार, 14 फरवरी : पं. दिनेश मुनि महाराज व विनीत मुनि महाराज ठाणे-2 ने जैन स्थानक, पी.एल.ए. में प्रातः काल आयोजित धर्म सभा में सैंकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में प्रवचन दिए। धर्म सभा की शुरुआत दिनेश मुनि महाराज ने गुरुवर मेरे.. गुरुवर मेरे.. रहबर मेरे.. रहबर मेरे.. मेरी नैय्या तुम तो ही तो तारोगे.. है भरोसा मुझे…. भजन गाकर की। प्रवचन देते हुए दिनेश मुनि महाराज ने कहा कि गुरुओं के पास आने वाला व्यक्ति सोचता है कि मुझे ऐसा गुरु मिले जिससे सारा जीवन सुख में बीते। उन्होंने कहा कि कई लोग कई-कई गुरु बनाते हैं। एक से दिल भर गया तो दूसरा गुरु बना लेते हैं। दूसरे से भर जाए तो तीसरा बना लेते हैं। जिंदगी में गुरु बनाओ तो सिर्फ एक ही बनाओ, वह भी बड़ा सोच समझकर जिससे पूरी जिंदगी सही रस्ते पर चल सके और जिंदगी का सफर भी सुहाना बन जाए। उन्होंने कहा कि मनुष्य के मन में समझदारी अवश्य होनी चाहिए। अच्छी बातों को जहन में बिठाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी की इज्जत से कभी कोई खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। सभी को अपनी इज्जत प्यारी होती है। इज्जत बनाने में तो सालों-साल लग जाते हैं और इज्जत खराब करने में 2 मिनट का समय भी नहीं लगता। हर किसी का अपना-अपना स्टेटस है, अधिकार है। किसी की इज्जत उछालना ठीक बात नहीं, जुबान पर हमेशा लगाम होनी चाहिए। आज अगर आप किसी की इज्जत उतरोगे तो कोई दूसरा भी तुम्हारी तरफ उंगली उठा देगा। ऐसे लोग भी बहुत देखने को मिल जाते हैं जो तेरे मुंह पर तेरा और मेरे मुंह पर मेरा होते हैं। पीठ पीछे बुराई करना निंदा का काम है और पीठ पीछे अच्छाई करना प्रशंसा का काम होता है। हमें कानों का कच्चा नहीं होना चाहिए। अनेक लोग दोगला जीवन जी रहे हैं, जोकि समाज के लिए भी हानिकारक है। जुबान पर हमेशा मिठास रखनी चाहिए। निंदा, चुगली से बचना चाहिए। मनुष्य कई बार टीवी चैनलों की तरह पल भर में बदल जाता है। पल में कुछ तो दूसरे पल कुछ। उसे अच्छे बुरे का ख्याल ही नहीं रहता। बच्चों में अच्छे संस्कार दोगे तो कल को सिर उठाकर जी पाओगे। समय का कुछ पता नहीं इंसान जब गिरता है तो कहां तक गिर जाता है, इंसान जब उठता है तो पता नहीं कहां तक उठ जाता है।
इससे पूर्व विनीत मुनि महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि इस संसार में हर तरह के लोग हैं। दुख-सुख, लाभ-हानि सब कुछ यहां व्याप्त है लेकिन हमने क्या करना है, क्या नहीं करना है, यह सब अपनी बुद्धि और विवेक से काम लेना चाहिए। जीवन के पथ पर चलने के लिए हमें फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा। संयम, धैर्य और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हुए अपने जीवन के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने भजन संयम का पाठ मुझको लगता है प्यारा.. मन में जब भाव आते हैं तो लगता है संसार प्यारा…. गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। एस.एस.जैन सभा के प्रवक्ता ने बताया कि 15 फरवरी को जैन स्थानक में 8 साल से बड़े लड़कों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा, जो प्रातः 8:00 बजे से शुरू होकर अगले दिन 16 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे तक चलेगा। इस दौरान बच्चों के उत्थान के लिए अनेक तरह की प्रतियोगिता करवाई जाएंगी। जैन मुनियों का 16 फरवरी तक जैन स्थानक में ही प्रवास रहेगा। इस दौरान रोजाना प्रात: 8:30 बजे से 10:00 बजे तक धर्म सभा होगी। इस अवसर पर प्रवीन जैन, भरतराम, आदिश जैन, विनोद, अशोक, राजकुमार, दिनेश, मुकेश, प्रवीण, संजीव, दीपक, संतोष, प्रमोद, तन्मय सहित सैंकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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