हिसार : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक मंगलवार को लघु सचिवालय के वीसी सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त अनीश यादव ने समिति के कार्यों की समीक्षा की और विभिन्न मामलों पर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। बैठक में जिला कल्याण अधिकारी दीपिका सारसर ने अधिनियम के तहत किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत गैर-अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों पर दर्ज किए गए मामलों में पीड़ितों को सहायता प्रदान की जाती है।

जिला कल्याण अधिकारी ने उपायुक्त को यह अवगत कराया कि 1 अक्टूबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक अब तक कितने आवेदकों को सहायता राशि प्रदान की गई है और कितने मामलों में अभी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।
उपायुक्त अनीश यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिनियम के तहत गठित समिति की बैठकों को नियमित रूप से त्रैमासिक आधार पर आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के साथ होने वाले अत्याचारों के मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पीड़ितों को समय पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और उनके मामलों का निपटारा पारदर्शी तरीके से किया जाए।
उपायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उपायुक्त ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं और समाज में समरसता और सद्भाव बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। बैठक में हिसार पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, बरवाला एसडीएम डॉ. वेद प्रकाश बेनीवाल, हांसी एसडीएम राजेश खोथ, हवा सिंह चहल आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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