हिसार : एच ए.यू. बचाओ संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल आज समिति के सदस्य व रिटायर्ड इक्नोमिस्ट व पूर्व हौटा प्रधान डॉ. अर्जुन सिंह राणा एडवोकेट से 15 फरवरी को किसान मेला टी.टी.सी. में आयोजित किसान मेले में अर्बन एस्टेट थाना इंचार्ज दलबीर पूनिया द्वारा की गई बदतमीजी के मामले में पुलिस अधीक्षक से मिला व उचित कार्रवाई के लिये ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बार एसोसिएशन की ओर से डॉ. अर्जुन राणा, विक्रम मित्तल, सोमदत शर्मा व अन्य वकील, किसान, संयुक्त मोर्चा की ओर से सतबीर धायल, अभेराम फौजी, दिलबाग हुड्डा, रामबीर न्यौली, साहिलदीप, राजीव मलिक, कुलदीप खरड़, जनलवादी महिला समिति से शकुंतला जाखड़, निर्मला व महिला नेता संतोष जैन ने किया।

एच.ए.यू. में हुई दौ मौत डॉ. दिव्या फौगाट व विकास हुड्डा तथा एच.ए.यू. में हो रही तानाशाही, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर जन संघर्ष समिति बनी थी, जिसका संयोजक डॉ. अर्जुन सिंह राणा को बनाया गया था और इन मामलों को लेकर कई बार धरने-प्रदर्शन किये गये थे। 9 जनवरी को मुख्यमंत्री के एच.ए.यू. में आगमन के दौरान धरना दिया गया था। उस दिन समिति मुख्यमंत्री को ज्ञापन देना चाहती थी किंतु प्रशासन ने देने नहीं दिया अपितु भारी सुरक्षा बल तैनात करके भय का माहौल पैदा कर दिया। मजबूरी में एच.ए.यू. के गेट पर ही ज्ञापन चिपकाना पड़ा था। एच.ए.यू. में कई तरह के मुद्दे हावी होने के बावजूद कुलपति को डिमोशन करने की बजाये प्रमोशन देकर चार साल के लिये और एक्सटेंशन दे दी गई।
डॉ. अर्जुन सिंह राणा ने बताया कि 14 फरवरी को सिक्योरिटी इंचार्ज अमरजीत सिंह से बातचीत करने के बाद अगले दिन 15 फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिनये तीन सदस्य डॉ. अर्जुन सिंह राणा, शकुंतला जाखड़ व साहिलदीप टी.टी.सी. में आयोजित किसान मेले में पहुंचे तथा वहां अमरजीत सिंह से मिले। उन्होंने सी.आई.डी. कर्मचारियों से बात करके हमें गेट पर ही ज्ञापन देने को कहा। भीड़ होने के कारण जब वे ज्ञज्ञपन देने के लिये आगे बढ़े तो एस.एच.ओ.दलबीर पूनिया ने 75 वर्षीय डॉ. अर्जुन सिंह राणा को धक्के मारे व बदतमीजी की और ज्ञापन नहीं देने दिया। एस.एच.ओ. की कार्रवाई की मांग को लेकरं आज प्रतिनिधिमंडल एस.पी. से मिला। एस.पी. ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से कार्यवाही न की गई तो समिति को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
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