प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर (इडब्ल्यूएस) लोगों का सस्ती दरों पर फ्लैट मिलने का सपना टूट गया है। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत चलाई गई अफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप (एएचपी) योजना को रद्द कर दिया है। प्रदेश में जमीन महंगी होने और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग अधिकांश शहरों में फिजिबल न होने के चलते सरकार के हाउसिंग फोर आल विभाग ने | इस योजना को रद्द कर दिया।
विभाग ने इसकी सूचना सभी शहरों में योजना का संचालन करने वाले जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्त को पत्र क्रमांक एचएफए / पीएमएवाई – यू / एचएपी / 2024-25/1845 1846 दिनांक 15-1-2025 भेजकर दे दी है। इसके अलावा विभाग ने केंद्र सरकार की ओर से इस योजना के तहत मिले लक्ष्य को भी वापस कर दिया है। दरअसल, हाउसिंग | फोर आल के तहत प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत अफोर्डेबल हाउसिंग
ये है अफोर्डेबल हाउसिंग

अफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप योजना केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/शहरों द्वारा निजी क्षेत्र और उद्योगों सहित विभिन्न भागीदारी मॉडल में बनाए जा रहे ईडब्ल्यूएस घरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रति ईडब्ल्यूएस घर 1.5 लाख रुपये की दर से केंद्रीय सहायता और प्रदेश सरकार की ओर से इस योजना के तहत पार्टनरशिप योजना
एक लाख रुपये सहायता राशि दी जानी थी। एएचपी के तहत परियोजनाओं में कम से कम 250 फ्लैट होने चाहिए, जिसमें कम से कम 35 प्रतिशत फ्लैट इडब्ल्यूएस श्रेणी के होने चाहिए । शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, एससी / एसटी / ओबीसी, अल्पसंख्यकों, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के अन्य कमजोर और असुरक्षित वर्गों को प्राथमिकता दी जानी थी।
अफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। जमीन की कीमत अधिक होने के कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। हमने केंद्र सरकार को इस योजना के तहत प्रदेश को मिले लक्ष्य को भी सरेंडर कर दिया है। – हरप्रीत सिंह, नगरीय वित्त विशेषज्ञ प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी हाउसिंग फोर आल विभाग, हरियाणा
पार्टनरशिप योजना के तहत सस्ते दरों पर फ्लैट मुहैया कराने का निर्णय लिया था । इस योजना में पात्र लोगों की पहचान करने के लिए वर्ष 2017 में सभी शहरों में घर-घर जाकर सर्वे भी कराया गया था।
ऐसे में पूरे प्रदेश में एक लाख 80 हजार 879 लोग इस योजना के तहत पात्र पाए गए थे, जिन्हें सरकार की योजना अनुसार प्राइवेट बिल्डरों से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनवाकर शहर अनुसार पांच से सात लाख
रुपये में फ्लैट मुहैया कराने थे। इस योजना के तहत प्राइवेट बिल्डर को ईडब्ल्यूएस लोगों को सस्ते दरों पर फ्लैट देने की एवज में केंद्र सरकार की ओर से 1.5 लाख और हरियाणा सरकार की ओर से एक लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया था । मगर आठ साल बाद अचानक हाउसिंग फॉर आल विभाग हरियाणा ने यह कहकर योजना को बंद कर दिया कि प्रदेश के सभी शहरों में जमीन महंगी है।
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